नई दिल्ली – उर्दू भाषा, संस्कृति और वर्तमान वैश्विक समस्याएं विषय पर आयोजित उर्दू परिषद के पांचवें विश्व उर्दू सम्मेलन के दूसरे दिन परिषद के निदेशक इरताज़ करीम ने कहा कि उर्दू भाषा और साहित्य ने शान्ति और सभ्यता की सुरक्षा के लिए सरगर्म रोल अदा किया है। और यह भाषा ग्लोबलाइजेशन की सभी चुनोतियों का मुक़ाबला करने की क्षमता रखती है। हर प्रकार की कट्टरता के खिलाफ इस भाषा मे सशक्त सहित्य मौजूद है। इस भाषा ने हर तरह के लेंगीय ,वर्गीय, भाषाई,धार्मिक विभेद और विभाजन के विरोध में आवाज उठाई है। इस सम्मेलन का आयोजन स्कोप ऑडिटोरियम लोधी रोड नई दिल्ली में किया गया।
दूसरे दिन के पहले सत्र में साजिद हुसैन दिल्ली, केवल धीर लुधियाना,राशिद अनवर अलीगढ़, शाहिद लतीफ , मुम्बई , अनवर ज़हीर, बड़ौदा , सैयद अहमद क़ादरी गया , इमाम आज़म कोलकता, मकसूद अनवर क़तर , डॉ अबदुल्लाह, अमेरिका ने बेहतरीन पेपर प्रस्तुत किये। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो सग़ीर अफरहम,अतीक़ अंज़र, महमुदुल्लाह इस्लाम,रहमत अली,मेहताब कद्र, राजा हैदर, और अहमद अशफाक ने कि जबकी संचालन शोएब राजा खान वारसी ने किया।
दूसरे सत्र में नाशिर नक़वी ,पटियाला,अहमद अशफ़ाक़,क़तार,कुंदन लाल कुंदन,दिल्ली, सुहैल अंजुम,दिल्ली, गजनफर अली, दिल्ली,प्रो सज्जाद हुसैन, चेन्नाई, क़ामरुल हुदा फरीदी, अलीगढ़, मुज़फ्फर हुसैन सैयद, दिल्ली, ने अपने पत्र प्रस्तुत किए। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो बेग अहसास, ऐजाज़ अली अरशद, प्रो शाफ्डर इमाम क़ादरी,डॉ नरेंद्र और जावेद दानिश ने किया। सत्र का संचालन दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ मुश्ताक अहमद क़ादरी ने की ! दोनों सत्र में बहुत ही विस्तृत और विद्वतापूर्ण पत्र पढ़े गए। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत आलमी मुशायरे का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में शहर के गणमान्यजन और छात्र छात्राओं की बड़ी संख्या मौजूद थी। महत्वपूर्ण व्यक्तियों में प्रो अतिकुल्लाह , क़ाज़ी उबैदुर्रहमन हाश्मी, मुहम्मद खलील वैज्ञानिक, फ़िरोज़ बख़्त अहमद,बदनाम नज़र आदि मौजूद थे।
शान्ति और सभ्यता की सुरक्षा में उर्दू भाषा और साहित्य का सरगर्म किरदार – प्रोफेसर इरतिज करीम
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