8 मार्च से शताब्दी एक्सप्रेस में महिला करेंगी टिकट चेक

पश्चिम रेलवे ने फैसला किया है कि महिला दिवस के दिन से मुंबई-अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस में टिकट चेक करने की जिम्मेदारी पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में रहेगी.

पश्चिम रेलवे का कहना है कि ट्रायल के तौर पर महिलाओं के पूरे टीटीई स्टाफ को इसी ट्रेन में टिकट चेक करने का काम सौंपा गया था, जिसमें रेलवे की एक दिन की कमाई में 66 फीसदी का इजाफा देखा गया. इसके बाद पश्चिम रेलवे ने इसे पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च करने का फैसला किया और टिकट चेक करने की जिम्मेदारी महिला टीटी स्टाफ को सौंप दिया.

शताब्दी एक्सप्रेस में हर दिन टीटीई स्टाफ की कम से कम 6 महिलाएं सवार होंगी और उसी दिन वापस लौट आएंगी. अगर यह योजना कारगर साबित हुई तो इसे अन्य ट्रेनों में भी लागू किया जाएगा.

वर्तमान में शताब्दी एक्सप्रेस में 6 टीटीई जाते हैं, जिसमें 2 महिलाएं भी शामिल रहती हैं. यह आइडिया पश्चिम रेलवे के सीनियर मंडल रेलवे कमिश्नर आरती सिंह परिहार का था. उनके अनुसार, महिलाएं ईमानदार होती हैं और टीटीई स्टाफ में सभी महिलाओं को शामिल किए जाने से रेलवे की एक दिन की कमाई बढ़ सकती है.

मुंबई के पश्चिम रेलवे मंडल में कुल 96 टीटीई हैं जिसमें अकेले मुंबई से 50 टीटीई हैं. अमूमन महिला टीटीई को प्लेटफॉर्म पर ही तैनात किया जाता है. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 5-6 फरवरी को ट्रायल के तौर पर सभी महिला टीटीई को एक ट्रेन में तैनात किया गया, जिसका परिणाम बेहद शानदार रहा. रेलवे को इस दिन 50 हजार की कमाई हुई, जबकि इससे पहले यह कमाई 30 हजार रुपये हुआ करती थी.