पहली महिला फाइटर पायलट अवनी की कहानी

इंडियन एयरफोर्स की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने अकेले फाइटर प्लेन उड़ाकर इतिहास रच दिया है. वह फाइटर प्लेन को अकेले उड़ाने वाली देश की पहली महिला फाइटर पायलट बन गई हैं. बता दें, अभी तक वायुसेना में महिलाएं केवल ट्रांसपोर्ट विमान और हेलीकॉप्टर ही उड़ा सकती थीं. अवनी ने मिग-21 बाइसन को अकेले ही उड़ाया है. आइए जानते हैं देश की इस जांबाज लड़की के बारे में कुछ खास बातें.अवनी रीवा जिले से है जो मध्य प्रदेश में है. उन्हें अपनी दो साथियों- मोहना सिंह और भावना कंठ के साथ पहली बार लड़ाकू पायलट घोषित किया गया था अवनी ने हैदराबाद की वायु सेना अकादमी से पढ़ाई की है. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दियोलैंड से की जो कि मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में स्थित एक छोटा सा शहर है. साल 2014 में राजस्थान के वनस्थली यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है. जिसके बाद उन्होंने भारतीय वायु सेना की परीक्षा पास की.अवनी के पिता मध्य प्रदेश सरकार में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं.जब वह कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी, उस दौरान उन्हें फ्लाईंग क्लब में विमान में उड़ने का मौका मिला. जिसके बाद उन्होंने तय किया कि वह भारतीय वायुसेना में पायलट बनेंगी.साल 2016 में जब अवनी वायुसेना में बतौर फाइटर प्लेन पायलट कमीशन बनी थीं. तब उन्होंने कहा था कि ‘हर किसी का सपना होता है कि वो उड़ान भरें. अगर आप आसमान की ओर देखते हैं तो पंछी की तरह उड़ने का मन करता है. वह कहती हैं, ‘आवाज की स्पीड में उड़ना एक सपना होता है और अगर ये मौका मिलता है तो एक सपना पूरे होने के सरीखा है.बता दें, अवनी को टेनिस खेलना और पेंटिंग करना काफी पसंद है.जहां अवनी के पिता इंजीनियर हैं, वहीं उनके भाई आर्मी कैप्टन हैं. अवनी कहती हैं कि फाइटर पायलट बनने में परिवार का काफी सपोर्ट मिला. आज अवनी ने अकेले फाइटर प्लेन उड़ाकर साबित कर दिखाया कि दुनिया का कोई ऐसा काम नहीं है जो महिलाओं के लिए मुश्किल है.