विश्व कप जीत कर दिया तोहफा,टीम इंडिया के ‘गुरु द्रोणाचार्य’ बने द्रविड़

टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले पूर्व दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट के भविष्य की एक मजबूत बुनियाद खड़ी की है. उसी मजबूत बुनियाद पर खड़ी होकर अंडर-19 की भारतीय क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया है. द्रविड़ इस टीम के कोच थे और उनकी कोचिंग में टीम ने चौथी बार अंडर-19 विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया. फाइनल मुकाबले में टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से करारी शिकस्त दी.

बीसीसीआई ने किसी और खिलाड़ी की बजाय इन युवाओं को सिखाने का जिम्मा राहुल द्रविड़ को दिया था. इस फैसले से ही साबित होता है कि द्रविड़ के सामने कोई पूर्व खिलाड़ी तकनीक के मामले में नहीं टिकता. टेस्ट क्रिकेट में द्रविड़ का धैर्य, वनडे में उनकी आक्रमकता का ही नतीजा है कि अंडर-19 टीम ने उनसे गुर सीखकर ये खिताब अपने नाम किया.

द्रविड़ ‘मिस्टर भरोसेमंद’

राहुल द्रविड़ अंडर-19 टीम के अलावा भारत ‘ए’ ‘टीम के भी कोच है और हाल ही में बीसीसीआई ने राहुल द्रविड़ का कॉन्ट्रैक्ट दो साल के लिए बढ़ाया था. सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण वाली इस सलाहकार समिति ने कोच के तौर पर द्रविड़ को उपयुक्त माना. अब विश्व कप जीतने के बाद सचिन ने फिर से अपने पूर्व साथी खिलाड़ी की तारीफ की है.अंडर-19 विश्प कप में भारत की जीत पर विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने अपने अंदाज में द्रविड़ को जीत पर बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘ये युवा राहुल द्रविड़ के सबसे सुरक्षित हाथों में है…’ सहवाग के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, अभिनेता अमिताभ बच्चन, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इस जीत पर टीम के साथ-साथ राहुल द्रविड़ को बधाई दी है.

2 साल से अधूरा था सपना

भारतीय टीम ने भी अपने ‘गुरु’ राहुल द्रविड़ को विश्व कप जीतकर शानदार तोहफा दिया है. इससे पहले उनकी कोचिंग में दो साल पहले बांग्लादेश में टीम उपविजेता रही थी. भारत ने छह साल पहले उन्मुक्त चंद की अगुवाई में यह खिताब जीता था. विराट कोहली ने 2008 और मोहम्मद कैफ ने 2000 में खिताबी जीत दिलाई थी. इस बार भारत शुरू ही से प्रबल दावेदार माना जा रहा था और प्रदर्शन भी उसी तरह का रहा. दूसरी टीमों और भारत के प्रदर्शन में जमीन आसमान का अंतर था.