पढ़िए अब तक की सबसे बड़ी बहस, हिंदू बनाम हिंदुत्व की आक्रामक गोलबंदी पर

देश में हिंदू बनाम हिंदुत्व की चल रही बहस को नया मोड़ और गहराई देता इंडिया टुडे का ताजा अंक बेहद पठनीय है. धार्मिक विचार, विविध रीति-रिवाजों की प्राचीन परंपरा और आक्रामक गोलबंदी पर दिग्गजों की अब तक की सबसे बड़ी पाठकों को पढ़ने को मिलेगी.

इस बहस में संघ विचारक के. एन. गोविंदाचार्य, पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी, हिंदू मॉइथोलॉजी के जाने माने विचारक देवदत्त पटनायक, पुरुषोत्तम अग्रवाल, संघ के कार्यवाह विनय सहस्त्रबुद्धे,किरण नागरकर और अर्शिया सत्तार के धारदार लेख पाठकों को पढ़ने को मिलेंगे.

इसके अलावा इंडिया टुडे के नए अंक में आपको कांग्रेस नेता शशि थरूर की नए किताब ‘व्हाई आई एम ए हिंदू’ के एक्सक्लूसिव चुनिंदा अंश भी पढ़ने को मिलेंगे. साथ ही नए अंक में सुप्रीम कोर्ट में जारी विवाद पर भी आपको खास सामग्री पढ़ने को मिलेगी.

इंडियन रीडरशिप सर्वे (IRS) 2017 में इंडिया टुडे (अंग्रेजी) देश में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पत्रिका बन गई है. इसकी प्रसारण संख्या 80 लाख हैं. इस सर्वे के मुताबिक इंडिया टुडे सभी भाषाओं में और सभी श्रेणी की पत्रिकाओं में सबसे ज्यादा रीडरशिप वाली पत्रिका है.

इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर भी इंडिया टुडे ग्रुप की हिंदी पत्रिका- इंडिया टुडे है, जिसकी प्रसार संख्या 71 लाख है. बिजनेस मैगजीन में पहले नंबर पर भी इसी ग्रुप की बिजनेस पत्रिका- बिजनेस टुडे है.

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ के मंच से इंडिया टुडे के ग्रुप सीईओ विवेक खन्ना ने कहा कि नए रीडर्स सर्वे के मुताबिक सभी वर्ग में और सभी भाषाओं में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली मैगजीन इंडिया टुडे है. खन्ना ने बताया कि इस सर्वे के मुताबिक देश में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली मैगजीन इंडिया टुडे हिंदी है.

इंडिया टुडे के पास हैं 80 लाख से ज्यादा रीडर

इंडिया टुडे इंग्लिश के 80 लाख से अधिक रीडर्स हैं तो इंडिया टुडे हिंदी के 70 लाख से अधिक रीडर्स हैं. इसके साथ ही देश में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली बिजनेस मैगजीन भी बिजनेस टुडे है.

16 महीने में 26 राज्यों में पूरा हुआ सर्वे

इस सर्वे की खास बात ये है कि इसमें 3 लाख 20 हजार घरों की राय ली गई है, जो इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा सैंपल भी है. 16 महीने के लंबे वक्त में सर्वे को 26 राज्यों में पूरा किया गया. यह सर्वे रीडरशीप स्टडीज काउंसिल ऑफ इंडिया और मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल ने करवाया था.