पुलिस और एनकाउंटर के डर से अकेले घंटो ऑटो में भटकते रहे तोगड़िया?

सोमवार को विश्व हिंदू परिषद के इतिहास में जो हुआ वो पहले कभी देखने को नहीं मिला. विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया गुजरात में थे और अचानक उनके लापता होने की खबर आई. जिसके बाद वो अहमदाबाद के एक अस्पताल में पाए गए.

दरअसल, प्रवीण तोगड़िया के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया था और पुलिस ने उन्हें तलाश कर रही थी. सोमवार सुबह तोगड़िया को जानकारी मिली कि राजस्थान पुलिस लाव लश्कर के साथ उन्हें गिरफ्तार करने गुजरात पहुंच रही है और गुजरात पुलिस भी उनके साथ है.

इस जानकारी से पहले ही तोगड़िया को एक व्यक्ति आकर ये बता चुका था कि उनका एनकाउंटर करने की साजिश रची जा रही है. प्रवीण तोगड़िया ने मंगलवार को अस्पताल से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का खुलासा किया.

बड़ी तादाद में पुलिस बल आने और एनकाउंटर की साजिश की जानकारी मिलते ही प्रवीण तोगड़िया अपना कार्यालय छोड़ गए. उन्होंने बताया कि वो अपने सुरक्षाकर्मियों को बताकर कार्यालय से निकल गए. हालांकि, उन्होंने अपने साथ किसी सुरक्षाकर्मी को नहीं लिया.

तोगड़िया ने बताया पूरा किस्सा?

तोगड़िया ने बताया, ‘मैं कार्यालय में सुबह के वक्त पूजा कर रहा था. अचानक एक व्यक्ति मेरे घर आया और उसने कहा कि डॉक्टर साहब आप कार्यालय छोड़ दीजिए, आपका एनकाउंटर होने वाला है. मैं मौत से डरने वाला नहीं हूं, इसलिए मैंने उस बात पर ध्यान नहीं दिया.’

‘मुझे लगा कि पूरे देश में बुरी परिस्थिती पैदा हो जाएगी. इसलिए मैं तुरंत एक पैसे का पैकेट लेकर कार्यालय से निकल गया और पुलिसवालों को बोला कि मैं जा रहा हूं. बाहर मैंने ऑटो रोका, वहां से एक-दो कार्यकर्ता को साथ लेकर ऑटो से निकल गया.’

ऑटो से ही किया राजस्थान सीएम को फोन

प्रवीन तोगड़िया ने बताया कि जब वो कार्यालय से निकल गए तो उन्होंने राजस्थान सरकार से संपर्क साधने की कोशिश की. उन्होंने बताया ‘रास्ते में ऑटो से ही मैंने राजस्थान के सीएम से संपर्क कराया तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, ये झूठ है. राजस्थान के गृहमंत्री से भी बात हुई. इसके बाद मैंने सभी फोन स्विच ऑफ कर दिए, ताकि मेरी लोकेशन ट्रेस न हो सके.’

वकीलों से लिया मशविरा

तोगड़िया ने बताया कि कार्यालय से निकलने के बाद वो एक कार्यकर्ता के यहां थलतेज गए. यहां से उन्होंने किसी दूसरे मोबाइल से वकीलों से संपर्क किया. ‘मैंने वकीलों से बात की, ताकि हाई कोर्ट जाकर वारंट रद्द हो सके. उन्होंने कोर्ट के सामने आने की सलाह दी. इसके बाद मैंने फैसला किया कि बिना पुलिस को बताए, कार्यकर्ताओं को लेकर जयपुर कोर्ट में जाऊंगा.’

ऑटो में आ गया चक्कर

उन्होंने बताया, ‘मैं अकेला ऑटो रिक्शा में निकल गया. रास्ते में चक्कर आने लगा, पसीना आने लगा. मैं ऑटो वाले से बापूनगर जाकर धनवंतरी अस्पताल ले जाने के लिए कहा. मुझे ऑटो में बैठे हुए आधा घंटा ही हुआ होगा, इसके बाद मुझे कुछ नहीं पता नहीं चला. रात को करीब 11.30 बजे मुझे होश आया, तो मैंने खुद को अस्पताल में पाया. तब मेरे डॉक्टर भी वहां मौजूद थे.’

क्या है केस?

राजस्थान पुलिस सोमवार को प्रवीण तोगड़िया के खिलाफ जिस मामले में गिरफ्तार करने गई थी, वो 10 साल पुराना है. 10 साल पहले राजस्थान में तीन हिंदू युवकों की हत्या के बाद डॉ तोगड़िया वहां पहुंचे थे. उन्हें कार्यक्रम करने की प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी. इसके बावजूद तोगड़िया ने लोगों को संबोधित किया था. उसी मामले में उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हुआ था.

इसके अलावा पिछले हफ्ते ही प्रवीण तोगड़िया के खिलाफ गुजरात की मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने गैरजमानती वारंट जारी किया था. वो कोर्ट में पेश हुए और उन्हें जमानत भी मिल गई. ये मामला गुजरात सरकार में मंत्री रहे आत्माराम की पिटाई का है, जो 21 साल पुराना है.