चारा घोटाले में लालू को सजा पर सुनवाई पूरी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई पेशी

देवघर चारा घोटाले मामले में राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सजा का ऐलान थोड़ी देर में होने वाला है. लालू और सीबीआई के वकील वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम पहुंच गए हैं. सजा पर बहस शुरू हो गई है.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूप में सिर्फ जज मौजूद रहेंगे, जबकि पूरा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) रूम खाली है. लालू के वकील और सीबीआई अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम में नहीं है, जबकि मीडिया को वीसी रूम में जाने की इजाजत नहीं है. लालू सजा सुनने के लिए कोर्ट नहीं जाएंगे, बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी हुई है.

बता दें कि जगदीश शर्मा सहित 5 की सजा के बिंदु पर गुरुवार को सुनवाई पूरी हो चुकी है.

इधर जगदीश शर्मा और आरके राणा के अतिरिक्त अन्य सभी 13 दोषी शिवपाल सिंह की कोर्ट पहुंच गए हैं. रांची की विशेष सीबीआई अदालत इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी.

इससे पहले लालू यादव की ओर से अपील की गई है कि चूंकि वे बीमार हैं, उन्हें डायबिटीज़ समेत कई अन्य बीमारियां हैं.

लालू के वकील की ओर से कहा गया है कि बिरसा मुंडा जेल में कई सारे इन्फेक्शन होने का डर है इसलिए उनके स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें कम सज़ा दी जाए. वकील ने कहा कि जेल में शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं है, इसलिए उनकी किडनी पर भी असर हो सकता है.

इसके अलावा लालू के वकील ने तर्क किया है कि इसमें सह-अभियुक्त जगन्नाथ मिश्रा और अन्य बरी हुए हैं. इस आधार पर भी लालू को कम सज़ा मिले क्योंकि जो सबूत हैं वो सभी सुनी-सुनाई बातों के आधार पर हैं.

दूसरी पाली में सजा सुनाएंगे जज शिवपाल सिंह

आपको बता दें कि लालू यादव को दूसरी पाली में सज़ा होगी. जेल के बाहर हजारों सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. कोर्ट में पहुंच रहे सभी वाहनों की चैकिंग की जा रही है. कोर्ट के बाहर लालू समर्थकों को हुजूम उमड़ा हुआ है. कोर्ट के बाहर ‘मैं भी लालू, तू भी लालू ,अब तो सारे देश में लालू” के बैनर के साथ समर्थक वहां पर पहुंचे हैं.

क्यों टली सजा?

दरअसल, गुरुवार को A से K नाम वाले आरोपियों की सजा सुनाई गई. A से K लेटर वाले चार अभियुक्त थे, इसलिए गुरुवार को लालू की सजा का ऐलान नहीं हो पाया. हालांकि, लालू यादव ने अपील की उनकी सजा का ऐलान जल्द ही किया जाए. उन्होंने कहा कि कल से वीडियो कांफ्रेंसिंग होगी, वीडियो से नहीं आज ही सजा सुनाईए.

कितनी हो सकती है सजा

लालू के वकील चितरंजन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में अगर लालू और अन्य को दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें अधिकतम सात साल और न्यूनतम एक साल की कैद की सजा होगी. हालांकि, सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले में गबन की धारा 409 के तहत 10 साल और धारा 467 के तहत आजीवन कारावास की भी सजा हो सकती है. लालू को अगर 3 साल से कम की सजा सुनाई जाती है तो उन्हें तुरंत बेल मिल सकती है जबकि इससे अधिक सजा पर वकीलों के बेल के लिए हाईकोर्ट का रुख करना पड़ेगा.

क्या है पूरा मामला?

साल 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से पशु चारे के नाम पर अवैध ढंग से 89 लाख, 27 हजार रुपये निकालने का आरोप है. इस दौरान लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे. हालांकि, ये पूरा चारा घोटाला 950 करोड़ रुपये का है, जिनमें से एक देवघर कोषागार से जुड़ा केस है. इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्टूबर, 1997 को मुकदमा दर्ज किया था. लगभग 20 साल बाद इस मामले में फैसले आया था.

इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपये अवैध ढंग से निकालने के चारा घोटाले के एक दूसरे केस में सभी आरोपियों को सजा हो चुकी है.