वैश्विक तंबाकू नियंत्रण में योगदान के लिए श्री जे.पी. नड्डा को डब्ल्यूएचओ महानिदेशक विशेष मान्यता पुरस्कार से सम्मानित किया गया

केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री, जे. पी. नड्डा को आज विश्व स्वास्थ्य संगठन- डब्ल्यूएचओ महानिदेशक विशेष मान्यता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्री जे. पी. नड्डा को यह सम्मान ‘सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए डब्ल्यूएचओ के तंबाकू नियंत्रण पर फ्रेमवर्क कनवेंशन (एफसीटीसी) के क्रियान्वयन में तेजी लाने हेतु राष्ट्रीय परामर्श’ कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्वी एशिया की क्षेत्रीय निदेशक, डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने दिया। इस अवसर पर स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री, श्री फग्गन सिंह कुलस्ते और श्रीमती अनुप्रिया पटेल भी उपस्थित थीं।

सम्मान स्वीकार करते हुए श्री जे.पी.नड्डा ने कहा कि यह मंत्रालय, एनजीओ के सदस्यों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, नागरिक समाज संगठनों सहित कई ऐसे लोगों के सामूहिक प्रयासों की देन है जो अभी यहाँ मौजूद नहीं हैं, लेकिन संपूर्ण देश में वे अपने-अपने तरीकों से दिन-रात इस उद्देश्य के लिए योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि तंबाकू गरीबी का मुख्य कारक है और यह पूरे परिवार, समुदाय व देश को बूरी तरह प्रभावित करता है और इसे नियंत्रण करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। इसकी पहचान विकास संबंधी समस्या के रूप में की गई है। श्री नड्डा ने खुशी जताते हुए कहा है कि तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या 81 लाख घट गई और युवाओं द्वारा तंबाकू के सेवन में भारी गिरावट देखी गई है। उन्होंने कहा कि उनका ध्यान हमेशा युवाओं पर रहता है और तंबाकू नियंत्रण प्रयासों में सफलता के लिए मेरा मंत्र है “कैच देम यंग”। मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि नाबालिगों (15-17 वर्ष) के बीच तंबाकू सेवन में 54 प्रतिशत, और 18-24 आयु-वर्ग में 28 प्रतिशत की कमी आई है। श्री नड्डा ने यह भी बताया कि युवाओं में तंबाकू का सेवन करने की आयु में भी एक वर्ष की बढ़ोत्तरी हुई है।

श्री नड्डा ने कहा कि भारत ने तंबाकू सेवन को नियंत्रित करने की दिशा में बहुत काम किया है। उन्होंने यह भी बताया कि हमने पैक के दोनों ओर 85 प्रतिशत चित्रात्मक स्वास्थ्य चेतावनियां दी, वैश्विक व्यस्क तंबाकू सर्वेक्षण (जीएटीएस) का दूसरा राउंड आयोजित किया, टोल-फ्री नेशनल टोबैको क्विटलाइन और एम-ससेशन सेवाएं शुरू की और राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण प्रोग्राम के विस्तार के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत आवश्यक निवेश किए हैं, जिनकी डब्ल्यूएचओ ने अपनी वैश्विक तंबाकू नियंत्रण रिपोर्ट, 2015 में चर्चा की है। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि भारत ने धूम्ररहित तंबाकू उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है और तंबाकू मुक्त फिल्म और टेलीविजन नीति को सख्ती से लागू किया है।”

स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री, श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कार्यक्रम में कहा कि तंबाकू सेवन को नियंत्रित करने के लिए सामाजिक आंदोलन की आवश्यकता है जिसमें सभी साझेदारों सहित राज्य सरकारों की भी भागीदार हो। श्री कुलस्ते ने ग्रामीण व शहरी श्रेत्रों के स्कूलों और कॉलेजों में तंबाकू सेवल के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि तंबाकू उत्पादकों के लिए वैकल्पिक नौकरी/रोजगार के नए अवसर के बारे में सोचना होगा।

स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि 27 करोड़ लोगों के साथ भारत तंबाकू का सेवन करने वाला विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्यों को समर्पित तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ बनाने चाहिए। उन्होंने एफएसएसएआई के तहत मंत्रालय द्वारा तंबाकू के इस्तेमाल को नियंत्रण करने के लिए उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा को बधाई देते हुए डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्वी एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि श्री नड्डा ने भारत के तंबाकू नियंत्रण पहलों को तेजी प्रदान की है और लोगों को तंबाकू सेवन से होने वाले एकाधिक स्वास्थ्य, आर्थिक, सामाजिक और विकास जोखिमों से बचाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि 20वीं सदी में तंबाकू के कारण 10 करोड़ लोगों की मौत हो गई। उन्होंने शुरूआती चरणों में तंबाकू नियंत्रण करने पर जोर दिया है और कहा कि ज्यादा ध्यान युवाओं पर होना चाहिए।

कार्यक्रम में मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और दानदाता भागीदारों के प्रतिनिधियों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और एनजीओ के अलावा डॉ. जगदीश प्रसाद, डीजीएचएस और डॉ. अरूण कुमार पांडा, अपर सचिव भी मौजूद थे।