“अपनी सांस्कृतिक धरोहरों से जुड़ते हुए, लोगों ने किया सामुहिकता का उदाहरण पेश”

हेमंत चौकियाल

उत्तराखंड । के रूद्रप्रयाग जिले में ऊखीमठ विकास खण्ड के पैलिंग गाँव के क्षेत्रपाल मन्दिर का जीर्णोद्धार कर समस्त ग्रामीणों के सहयोग से सकलीकरण करते हुए मन्दिर का शुद्धिकरण किया गया। यह गाँव पौराणिक काल में पैल नामक ऋषि की तपस्थली रहा है। मान्यता है कि प्राचीन काल में यहाँ गाँव के पूर्व में शिवालय था, जो भूस्खलन के कारण नष्ट हो गया, लेकिन उस स्थान पर भगवान केदारेश्वर का लिंग अभी भी विद्यमान है। यह लिंग ठीक भगवान केदारनाथ में स्थित लिंग की तरह ही है। गाँव के मध्य में ग्राम रक्षक क्षेत्रपाल, पूर्व में श्री सिद्धनाथ, दक्षिण में माँ भगवती, पश्चिम में माँ काली, नन्दा राजराजेश्वरी व उत्तर में माँ चण्डिका दिक्पाल के रूप में ग्राम रक्षक हैं।
इस गांव द्वारा अपनी परम्पराओं व रीति-रिवाजों को बखूबी से निभाया जाता है। यहाँ नन्दा देवी लोक जात, पाण्डव नृत्य, बग्ड्वाळ नृत्य, नाग – सिद्धनाथ नृत्य आदि धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन समय-समय पर होते रहते हैं।
भगवान क्षेत्रपाल व माँ दक्षिण खाली इस गाँव की इष्ट व ग्राम देवता हैं। शकलीकरण का यह कार्य पण्डित शिव प्रसाद सेमवाल के निर्देशन में पण्डित गिरीश चन्द्र सेमवाल व पण्डित विनोद प्रसाद मैठाणी के सानिध्य में हुआ।
मन्दिर जीर्णोद्धार कार्यक्रम में सरपंच महाबीर सिंह नेगी, गजपाल सिंह सुरज्वाण मिस्त्री, कुंवर सिंह सुरज्वाण, हिम्मत नेगी, रवीन्द्र राणा, धर्मेन्द्र नेगी, धर्मेन्द्र नेगी, नरेन्द्र नेगी, ग्राम प्रधान सावित्री देवी, महिला मंगल दल अध्यक्ष गुड्डी देवी, कीर्तन मण्डली अध्यक्ष सरस्वती देवी, नवयुवक मंगलदल अध्यक्ष रवीन्द्र राणा, श्री भूतनाथ सांस्कृतिक कला मंच के अध्यक्ष गौर सिंह नेगी सहित अप्रवासी भरत सिंह नेगी की मन्दिर जीर्णोद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका रही।
क्षेत्रपाल के पश्वा प्रताप सिंह नेगी, माँ काली के पश्वा माधव सिंह नेगी, चण्डी के पश्वा कुंवर सिंह अन्य सहयोगी – राजेन्द्र सिंह
पूर्व प्रधान – यशवीर राणा, भीम सिंह नेगी, प्रताप सिंह नेगी, सत्ये सिंह, यशपाल दुमागा, विजयपाल सिंह, रघुवीर राणा, दरवान राणा,
लाल सिंह, जगदीश सुरज्वाण
लवकेश, कोषाध्यक्ष – बख्तावर सिंह नेगी, भ्यूंराज सिंह सुरज्वाण सुदेश आदि की कार्यक्रम को सम्पन्न करने में सराहनीय भूमिका रही।