राष्ट्रीय शिक्षा नीति के द्वारा बौद्धिक विकास का स्तर छात्रों का बढ़ेगा- ज्योति कलश

अंजना वेलफेयर सोसाइटी ने एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर 6 अगस्त को वेबीनार किया किया इसमें देश के कुछ ऐसे शिक्षण संस्थानों के प्राचार्य प्रोफेसर अध्यापकों ने भाग लिया जोकि देश में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री ज्योति कलश सीनियर आईएएस एवं एडीशनल चीफ सेक्रेट्री नागालैंड और चीफ रेजिडेंट कमिश्नर है| और सम्मिलित वक्ताओं में दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्राचार्य डॉ जे सी पंत डॉक्टर किशोर कुमार एसोसिएट प्रोफेसर डॉ कुलदीप सिंह प्रिंसिपल डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन, नीरज गुप्ता प्रसिद्ध मूर्तिकार है और इस कार्यक्रम को कथक नृत्यांगना माया कुलश्रेष्ठ ने संचालित किया|
कार्यक्रम का विषय था कैसे शिक्षा नीति को सही तरीके से उसके सही लक्ष्य के साथ युवाओं तक पहुंचाया जा सकता है और वह क्या कारण है जिनके कारण राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आगे बढ़ाने में कोई समस्या आ सकती हैं इस पर श्री ज्योति कलश ने कहा कि नई शिक्षा नीति पहले की राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पुनर्मूल्यांकन है। यह नई संरचनात्मक रूपरेखा द्वारा शिक्षा की संपूर्ण प्रणाली का परिवर्तन है।
नई शिक्षा नीति में रखी गई दृष्टि प्रणाली को एक उच्च उत्साही और ऊर्जावान नीति में बदल रही है। शिक्षार्थी को उत्तरदायी और कुशल बनाने का प्रयास होना चाहिए। डॉक्टर जेसी पंथ दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्राचार्य और शिक्षक रहे है, उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति बहुत ही महत्वपूर्ण और संगठित योजनाएं लेकर आइ है अगर इसको बहुत ही सुंदर तरीके से समझ कर आगे बढ़ाया जाए तो यह युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बनाएगी,


इसी संवाद में डॉ कुलदीप ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने पर अभिभावकों को छात्रों को सभी को आपने स्वभाव में व्यवहार में बदलाव लाने होंगे ताकि वह इस नीति के द्वारा जो पाठ्यक्रम बनाया जा रहा है वह अच्छे से जान और बढ़ा पाए|
डॉ कुलदीप ने कहा की इस नीति में बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास बहुत अच्छे से होगा और इसमें बच्चों के अंदर आ रहे प्रश्नों के सभी सवालों के जवाब उन्हें मिल पाएंगे जो कि उनके आत्मविश्वास के लिए अत्यधिक जरूरी है|
डॉक्टर किशोर कुमार ने कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जो बदलाव आए हैं वह बहुत ही हितकर है और महात्मा गांधी भी ऐसा ही कुछ भारत के भविष्य में देखते थे जो कि सच होता दिख रहा है|
नीरज गुप्ता जो की प्रसिद्ध मूर्तिकार है उन्होंने कहा कि इसको कला के माध्यम से देखते हैं तो इसमें कलाकारों के लिए काफी विकल्प आते हैं क्योंकि कला को जब तक आज का युवा जानेगा नहीं तो आगे बढ़ाएगा कैसे?
इस मौके पर नृत्यम इंस्टिट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स के स्टूडेंट प्रिशा कपूर और शरण्या माहेश्वरी ने नारी सशक्तिकरण को कत्थक के द्वारा दिखाया जिसमें माया कुलश्रेष्ठ द्वारा रचित कविता दी ‘हां मैं स्त्री हूं’ प्रदर्शित की गई और उसके बाद तीन ताल में तिहाई टुकड़े परण इत्यादि का प्रदर्शन किया गया|
अंजना वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष श्री मनीष कुलश्रेष्ठ ने कहा कि हमारा यही लक्ष्य है कि आने वाले समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के द्वारा हम युवाओं को जोड़ सके क्योंकि वही भारत का भविष्य है