कोविड प्रोटोकॉल लागू होने के बाद तबलीगी मरकज में लोगों के जमावड़े पर दायर एक याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई… इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन पर चिंता जाहिर की है… कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या किसान आंदोलन में कोविड-19 नियमों का पालन किया जा सकता है… चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबड़े ने कहा कि उन्हें डर है कि कहीं किसान आंदोलन का हाल तबलीगी जमात जैसा न हो जाए… दरअसल पिछले साल दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके की एक मस्जिद में तब्लीगी जमात का आयोजन हुआ था… इसमें 13 मार्च से 24 मार्च के बीच 16,500 लोग शामिल हुए थे… इनमें कई विदेशी थे… जमात में शामिल हुए बहुत से लोग कोरोना संक्रमित पाए गए… 30 मार्च को पूरा इलाका सील कर दिया गया था… जम्मू की वकील सुप्रिया पंडित ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी कि दिल्ली पुलिस निजामुद्दीन मरकज के मौलाना साद को गिरफ्तार नहीं कर पाई… कोरोना काल में साद ने जमात की इजाजत दी, जिससे देश में कोरोना संक्रमण बढ़ा… सुप्रिया की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था… कोरोना गाइडलाइंस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि क्या किसान आंदोलन वाली जगह पर स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस फॉलो की जा रही हैं? चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा- आपको बताना होगा कि क्या चल रहा है? हमें नहीं पता कि किसान कोरोना से सुरक्षित हैं या नहीं… हम चाहते हैं कि संक्रमण नहीं फैले… आप तय कीजिए कि गाइडलाइंस फॉलो की जाएं…