ब्रह्म तत्व द्वारा क्षात्रतेज जागृत करके होगी हिन्दू राष्ट्र की स्थापना- स्वामी संवित सोमगिरिजी

(विवेक मित्तल) 5 जून, 2018 रामनाथी (गोवा) – सप्तम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन, गोवा में धर्मगुरु स्वामी संवित् सोमगिरिजी महाराज ने ‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए क्षात्रतेज की उपासना की आवश्यकता’ विषय पर अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा कि संत, ऋषि, वेद, पुराण तथा भगवान शिवजी के संकल्प से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना निश्चित होगी। आज कालानुसार हमारी संस्कृति परिवर्तित हो रही है फिर भी उसमें वैदिक तत्त्व है; और वेदों में क्षात्रतेज भी है। क्षत्रियों मेंजो तेज होता है उसे क्षत्र तेज कहते हैं, हमें इस तेज को सभी में जागृत करना होगा। हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए हिन्दुओं में चिन्तन और आत्ममंथन द्वारा बौद्धिक सुस्पष्टता आनी चाहिए। इसके लिए धर्म की अवधारणा का स्पष्ट होना आवश्यक है। आज देश के हिन्दू कूपमंडूक बन गए हैं, उनके सुप्त होते तेज को जागृत करना होगा। देश में महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं, चारों दिशाओं में आग लगी है। महिलाओं को झांसी की रानी बन आगे आना चाहिए। देश में आन्तरिक और बाह्य आक्रमण हो रहे हैं इसका सामना करने के लिए आध्यात्म द्वारा अपने साथ-साथ, समाज का क्षात्रतेज जागृत करना होगा। इसके लिए हिन्दुओं को कर्तापन त्यागकर अधर्म के विरुद्ध कार्य करना चाहिए। स्वयं में अग्नि जागृत कर कार्य करने से अंधकार नष्ट हो सकता है। हिन्दुओं के ब्रह्मतेज के साथ क्षात्रतेज जागृत करने से भारत सहित पूरे विश्व में सर्वत्र हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी।
देश के बहुसंख्यक हिन्दुओं को संवैधानिक संरक्षण मिलने के लिए हिन्दू संगठनों का अधिवेशन  – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे
सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत में बहुसंख्यक समुदाय के शीर्षस्थ नेताओं को एक मंच पर आने में कानूनन प्रतिबंध है क्या? इसका उत्तर नहीं होते हुए भी प्रश्न क्यों निर्माण होते हैं? इसका एकमात्र कारण है, भारत में बहुसंख्यकों को सनातन धर्म को संवैधानिक संरक्षण नहीं है! इसलिए आज कोई भी उठता है और हिन्दुओं को अपराधी ठहराने का प्रयास करता है। विश्व के सभी देशों में उनके संविधान द्वारा वहां के बहुसंख्यकों का धर्म, संस्कृति, भाषा एवं हित को संरक्षण दिया गया है। केवल भारत ऐसा एकमात्र देश है कि जहां बहुसंख्यक हिन्दू होते हुए भी उन्हें संविधान द्वारा कोई संरक्षण नहीं दिया गया है। यह संविधान के समता के तत्त्व के (अर्थात लॉ ऑफ इक्वॅलिटी के) विरुद्ध है ।
हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने अधिवेशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस अधिवेशन में हिन्दू जनजागृति समिति के अंतर्गत उद्योगपति परिषद और आरोग्य सहायता समिति की स्थापना की गई। इन संगठनों के बोधचिन्ह का अनावरण वेदमंत्रों के जयघोष के बीच श्रीलालेश्वर महादेव मन्दिर, शिवमठ, शिवबाड़ी बीकानेर के अधिष्ठाता श्रीस्वामी संवित् सोमगिरिजी महाराज के मंगल हस्तों किया गया। समिति के केंद्रीय समन्वयक श्री नागेश गाडे ने संगठन के उद्देश्य की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर देश-विदेश के 150 से अधिक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के 250 से अधिक धर्मप्रेमी उपस्थित थे। इस अधिवेशन में कश्मीर की समस्या, धारा 370 निरस्त करना, पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं श्रीलंका के हिन्दुओं पर हो रहे अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाना, राष्ट्र एवं धर्म पर होनेवाले आघात रोकने के लिए उपाय, हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य की आगामी दिशा आदि विविध विषयों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।