SC/ST आरक्षण से क्रीमीलेयर को बाहर करने की मांग

सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी के आरक्षण से क्रीमीलेयर को बाहर करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. शीर्ष कोर्ट ने इस मसले पर केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है.

हालांकि केंद्र ने कोर्ट के सामने अपनी दलील में कहा है कि एससी-एसटी की मौजूदा रिजर्वेशन पॉलिसी में क्रीमीलेयर का कोई कॉन्सेप्ट नहीं है. बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट में नए दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिसके बाद दलितों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है.

दलित सांसदों और विधायकों ने अपने पार्टी लेवल पर इस मामले को उठाया है, तो एनडीए के 18 दलित सांसदों ने बुधवार को संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. एनडीए के इन 18 दलित सांसदों के दल की अगुवाई राम विलास पासवान कर रहे थे.

प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद रामविलास पासवान ने कहा कि मोदी सरकार दलितों के हितों की रक्षा करने के लिए हर कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सांसदों की बातों को ध्यान से सुना और कहा कि सरकार दलित एक्ट के बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रही है और उसके बाद उचित कदम उठाया जाएगा. पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री का रूख सकारात्मक था.

दलित सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करते हुए कहा कि एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को वापस लिया जाना चाहिए. एनडीए सांसदों की मांग है कि सरकार मामले में रिव्यू पिटीशन दाखिल करे. यही नहीं उत्तर प्रदेश के बहुजन सांसदों ने भी एससी-एसटी एक्ट में बदलाव और समुदाय की उपेक्षा को लेकर मोदी सरकार निशाना साधा है. बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार में दलितों की उपेक्षा हो रही है.

दूसरी ओर बुधवार की शाम कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ शाम 5.30 बजे राष्ट्रपति से मिलेंगे. इस डेलीगेशन के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी जा सकते हैं. हालांकि उनकी भागीदारी की अभी पुष्टि नहीं हुई है.