इतिहास के पन्‍नों में आज का दिन आज ही के दिन शाहजहां को आगरा का सम्राट घोषित किया गया था

आज ही के दिन मुगल शासक औरंगज़ेब का निधन हो गया था. औरंगज़ेब शाहजहां और मुमताज़ का बेटा था. औरंगज़ेब के बचपन का अधिकांश समय नूरजहां के पास बीता था. औरंगज़ेब ने आगरा पर कब्‍जा कर अपना राज्याभिषक ‘अबुल मुजफ्फर मुहीउद्दीन मुजफ्फर औरंगज़ेब बहादुर आलमगीर’ की उपाधि से 31 जुलाई, 1658 ई. को दिल्ली में करवाया था.

औरंगज़ेब ने इस्लाम धर्म के महत्व को स्वीकारते हुए ‘क़ुरान’ को अपने शासन का आधार बनाया. ‘देवराई’ के युद्ध में सफल होने के बाद 15 मई, 1659 ई. को औरंगज़ेब ने दिल्ली में प्रवेश किया. गुरु हरकिशन के बेटे गुरु तेग बहादुर सिंह ने औरंगज़ेब की नीतियों का विरोध किया और इस्लाम धर्म स्वीकार करने का विरोध किया, जिसकी वजह से उन्हें दिल्ली में कैद कर औरंगज़ेब ने दिसंबर, 1765 ई. में मरवा दिया.

जयसिंह और शिवाजी के बीट पुरंदर की संधि 22 जून 1665 ई में संपन्न हुई. 22 मई 1666 ई में आगरे के किले के दीवान-ए-आम में औरंगज़ेब के सामने शिवाजी उपस्थित हुए और उन्हें कैद करके जयपुर भवन में रखा गया. औरंगज़ेब ने अप्रैल, 1679 ई. को हिन्दुओं पर दोबारा ‘जज़िया’ कर लगा दिया. सर्वप्रथम जज़िया कर मारवाड़ पर लागू किया गया.

औरंगज़ेब ने 1679 ई. में लाहौर की बादशाही मस्जिद बनवाई थी और 1678 में औरंगाबाद में अपनी पत्नी रबिया दुर्रानी की स्मृति में बीबी का मक़बरा बनवाया. औरंगज़ेब ने दिल्ली के लाल क़िले में मोती मस्जिद बनवाई थी. 1686 ई में बीजापुर और 1697 ई में गोलकुंडा को औरंगज़ेब ने मुगल शासन में मिला लिया. औरंगज़ेब के गुरु मीर मुहम्मद हकीम ‘खजुवा’ थे.

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भरतपुर राजवंश की नींव औरंगज़ेब के शासनकाल में जाट नेता चूरामन ने डाली. औरंगज़ेब के समय में हिंदू मनसबदारों की संख्या 337 थी जो अन्य मुगल सम्राटों की तुलना में सबसे अधिक थी. औरंगज़ेब के बेटे शहजादा अकबर ने दुर्गादास के बहकावे में आकर अपने पिता के खिलाफ विद्रोह किया. औरंगज़ेब ने कुरान को अपने शासन का आधार बनाया, औरंगज़ेब ने सिक्के पर कलमा खुदवाना, नवरोज त्यौहार मनाना, भांग की खेती करने पर रोक लगा दी थी.

औरंगज़ेब 1699 ई में हिंदू मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया. औरंगज़ेब को दौलताबाद में स्थित फ़कीर बुरुहानुद्दीन की क़ब्र के अहाते में दफना दिया गया. औरंगज़ेब के समय सूबों की संख्या 20 थी. औरंगज़ेब दारूल हर्ब यानी काफिरों का देश को दारूल इस्लाम में बदलने को अपना महत्वपूर्ण लक्ष्य मानता था.