पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई स्थित एक ब्रांच में 11360 करोड़ रुपए के फ्रॉड ट्रांजैक्शन मामले में गुरुवार को बड़ी कार्रवाई हुई है. इस मामले में अरबपति ज्वैलरी डिज़ाइनर नीरव मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है. देश में 10-12 जगहों पर ED ने इस मामले को लेकर छापेमारी की है. ये एफआईआर 31 जनवरी को दर्ज की गई थी. ED ने पीएनबी के शोरूम और घर में भी छापेमारी की है.
बुधवार को हुए खुलासे के बाद से ही जांच एजेंसियां एक्शन में आ गईं हैं. इस मामले में अरबपति आभूषण कारोबारी नीरव मोदी (46) ने कथित रूप से बैंक की मुंबई शाखा से धोखाधड़ी वाला गारंटी पत्र (एलओयू) हासिल कर अन्य भारतीय ऋणदाताओं से विदेशी ऋण हासिल किया था. पीएनबी ने इस मामले में दस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. साथ ही मामले को जांच के लिए सीबीआई के पास भेज दिया है.PNB ने अन्य बैंकों को चिट्ठी लिख किया सचेत, 10 अधिकारी निलंबित
कैसे होता था फर्जीवाड़ा
पीएनबी की मुंबई की एक शाखा का एक कर्मचारी हीरा कंपनियों को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOU) प्रदान करता था ताकि वे दूसरे बैंकों से सेक्योर ओवरसीज कर्ज हासिल कर सकें. वित्तीय सचिव राजीव कुमार ने बताया, ‘हीरा कंपनी यह एलओयू किसी अन्य भारतीय बैंक की विदेशी शाखा को देती थी. यह पूरा फर्जीवाड़ा करीब 11,400 करोड़ रुपये का है.’
पीएनबी से हासिल इस एलओयू के आधार पर ही यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, एक्सिस बैंक आदि ने हीरा कंपनियों को कर्ज दिया. लेकिन पकड़े जाने से बचने के लिए पीएनबी के कर्मचारी बैंक के रजिस्टर में एलओयू को दर्ज ही नहीं करते थे.



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