भारत ने आधार क्षरण एवं लाभ स्‍थानांतरण (बीईपीएस) की रोकथाम हेतु कर संधि से संबंधित उपायों को लागू करने के लिए आज पेरिस में बहुपक्षीय समझौते पर हस्‍ताक्षर किये

केन्‍द्रीय वित्‍त, रक्षा एवं कंपनी मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज पेरिस स्थित ओईसीडी के मुख्‍यालय में आयोजित एक समारोह में आधार क्षरण एवं लाभ स्‍थानांतरण (बीईपीएस) की रोकथाम हेतु कर संधि से संबंधित उपायों को लागू करने के लिए बहुपक्षीय समझौते पर हस्‍ताक्षर किये। यह आक्रामक कर नियोजन की समस्‍या से निपटने के लिए वैश्विक स्‍तर पर किये जा रहे प्रयासों में सहयोग के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। 68 क्षेत्राधिकारों का प्रतिनिधित्‍व करने वाले हस्‍ताक्षरकर्ताओं ने इस समझौते पर हस्‍ताक्षर किये हैं, जिसके फलस्‍वरूप आधार क्षरण एवं लाभ स्‍थानांतरण (बीईपीएस) पैकेज के तहत कर संधि से संबंधित उपायों के संदर्भ में हस्‍ताक्षरकर्ता वाले क्षेत्राधिकारों की ज्‍यादातर द्विपक्षीय कर संधियों में संशोधन करना आवश्‍यक हो जाएगा। इसका उद्देश्‍य कृत्रिम ढंग से कर अदायगी से बचने की प्रवृत्ति पर रोक लगाना, संधि के दुरुपयोग की रोकथाम सुनिश्चित करना और विवाद निपटान की व्‍यवस्‍था को बेहतर करना है। ं

इस बहुपक्षीय समझौते पर भारत द्वारा हस्‍ताक्षर किया जाना ऐसी कर अपवंचना एवं कर नियोजन रणनीतियों पर रोक लगाने के लिए वैश्विक स्‍तर पर किये जा रहे प्रयासों की दिशा में एक अहम कदम को दर्शाता है, जिनके तहत कर नियमों में निहित खामियों से लाभ उठाया जाता है और मुनाफे को कृत्रिम ढंग से कम कर अथवा बगैर कर वाले क्षेत्राधिकारों में स्‍थानांतरित किया जाता है, जहां या तो कोई भी आर्थिक गतिविधि नहीं होती है अथवा मामूली आर्थिक गतिविधियां होती हैं। ऐसे में संबंधित कंपनी द्वारा या तो कुछ भी कॉरपोरेट टैक्‍स  अदा नहीं किया जाता है अथवा मामूली कॉरपोरेट टैक्‍स का ही भुगतान किया जाता है। बहुपक्षीय समझौते का उद्देश्‍य संधि से संबंधित बीईपीएस उपायों को तेजी से एवं निरंतर लागू करना है। भारत इस वैश्विक पहल में काफी सक्रिय है और इसने बीईपीएस पैकेज के तहत नये अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों के विकास में बहुमूल्‍य योगदान दिया है। भारत अधिक से अधिक क्षेत्राधिकारों द्वारा इस बहुपक्षीय समझौते पर हस्‍ताक्षर किये जाने का निश्चित तौर पर स्‍वागत करेगा।