ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बनाएं सुरक्षित और देश को बनाए सशक्त

-अनुपमा जलानी

आजकल के विकासशील समय में लगभम सब कुछ ऑनलाइन हो गया हैं या फिर यह कहे की इलेक्ट्रॉनिक्स का जमाना हैं। वैसे आजकल जब भी किसी नई इलेक्ट्रॉनिक या फिर किसी और नई चीज का आविष्कार करते हैं तो दुसरी तरफ चोर उसे चुराने के लिए नई- नई तरीके निकाल लेते हैं। ठीक इसी प्रकार आजकल के इस ऑनलाइन या फिर इलेक्ट्रॉनिक के उपयोग के बड़ने से लोगों को फायदे के साथ-साथ कभी-कभी नुकसान हो जाता हैं या फिर यह कहे कि धोखाधड़ी और चोरी हो जाती हैं। कोविड-19 के प्रसार के बड़ने के कारण भी लोगों का ऑनलाइन उपयोग बढ़ चुका है जैसे कि ऑनलाइन शॉपिंग या फिर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन इत्यादि। जिसके कारण साइबर आपराध में इजाफा हुआ हैं विशेष रूप से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कोई बुरा तरीका नहीं है भुगतान का मगर कई बार हम इसे सावधानी से नहीं करते हैं। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन धोखाधड़ी से बचने के तरीके जैसे भुगतान करने के बाद कार्ड से जुड़ी जानकारी को हटा दे(डिलीट), ऑनलाइन पेमेंट या ट्रांजैक्शन करने के लिए सार्वजनिक वाई-फाई और साइबर कैफे का प्रयोग न करें केवल निजी वाई-फाई या अपने मोबाइल नेटवर्क का उपयोग करें आदि और जिन के साथ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन अपराध हो चुका हैं तो आप दिल्ली पुलिस के इस हेल्पलाइन नंबर 155260 पर समप्रक करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह हेल्पलाइन नंबर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तराखंड आदि में उपलब्ध हैं। इस हेल्पलाइन नंबर से “स्टेट बैंक ऑफ इंडिया” से लेकर “आईसीआईसीआई” बैंक तक लगभग सभी निजी (प्राइवेट) बैंक जुड़े हैं। इसके साथ ही नंबर को फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन जैसे ई-वॉलेट से भी जुड़ा गया है।