binod takiawala
आज माननीय इन्द्रेश जी ने fans के तत्िाधान मेंराष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर
पत्रकारिाताा की | इस संपूर्ा िाताा को दो वहस्सों में देखा जा सकता है, प्रथम
पाक्रकस्तान एक समस्यापूर्ा(problemetic) राष्ट्र और वितीय कश्मीर समस्या
और समाधान केस्िरूप |
प्रथम कश्मीर समस्या पर विचार करते हुए, उन्द्होंनेकहा क्रक देश अलग-2
िैधावनक व्यिस्था के तहत चलेगा या एक राष्ट्र एक संिैधावनक व्यिस्था इसका
प्रवतपालन करेगा| वभन्न ध्िज और विधान के स्थान समान प्रतीक वचह्नों का प्रयोग
होगा| करोड़ो मुसलमान देश भर में रहते है तो के िल जम्मू कश्मीर के मुसलमान
को विशेष-अवधकार क्यों? िेभारत में कहीं भी अध्ययन, व्यापार, नौकरी अथिा
अन्द्य क्रकसी भी काया के वलए समान सरूप से स्ितंत्र है तो अन्द्य भारतीयों केहेतु
जम्मू कश्मीर क्यों नहीं खुला हो| कश्मीर के शहनाज, आक्रद के वलए क्रदल्ली खुली
है तो क्रदल्ली के शहनाज, आक्रद के वलए कश्मीर क्यों नहीं| जम्मूकश्मीर के ुहुत
ुड़े वहस्सेके लोग, यथा जम्मूऔर लद्दाख आक्रद, भी इस वभन्न-2 व्यिस्था को
पसंद नहीं करते है|
देश की एकता और सम्मान से ुड़ा कोई नहीं है| यह प्रथम और अंवतम है|( it is
first and last.)
पंवित नेहरु के गलती से पी.ओ.जे.के. (पाक्रकस्तान अवतिवमत जम्मू कश्मीर) ुना|
आज िहााँ पर होने िाले जुल्म को वमविया नहीं क्रदखता जुक्रक यह वमविया का
उत्तरदावयत्ि है| िहााँपर के ुीमार ुच्ची को तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्िराज
ने वुना क्रकसी कागजात (िीजा आक्रद) केलंुी प्रक्रकया में गए उसके वचक्रकत्सा का
प्रुंध क्रकया| यह सुषमा स्िराज िारा क्रकया गया ुेहतरीन काया है| पाक्रकस्तान में
अभी भी पाक्रकस्तान के कब्ज़ा िाले कश्मीर को उवचत लोकतावन्द्त्रक प्रवतवनवधत्ि
नहीं वमला है|
कश्मीर में आतंकिाद केवनयंत्रर् के वलए सेना पर पूरा विश्वास एक सफल प्रयोग
रहा| कश्मीर में पत्थरुाजी आक्रद विवभन्न आतंकिादी एिं सामावजक गवतरोध
िाले काया के वलए आने िाले धन के आर्थाक संजाल को ितामान मेंसफलतापूिाक
तोिा गया| इस हेतुसामवजक विकास एिं िहााँके युिा को भारत के विवभन्न वहस्सों
में वशक्षा, रोजगार, नौकरी आक्रद के विवभन्न प्रोत्साहन प्रदान क्रकया जा रहा है|
अतः अु कश्मीर समस्या के समाधान हो जानेका विश्वास ुढ़ा है|
वितीय, पाक्रकस्तान समस्या के संदभा में उसे उवचत सीख (teach the lesson)
देनेकी आिश्यकता है | विगत िषों में पयााप्त उवचत कदम उठाए गए है| इसी
संदभा में 26/2 महत्िपूर्ापड़ाि है| इन क़दमों के िारा आज पाक्रकस्तान अंतरााष्ट्रीय
ऐकांवतकता का वशकार है| यह सफलता के िल मोदी और ुीजेपी की न होकर
सभी भारवतयों की है| भारतीय कु टनीवतक राजनवयक प्रयासों के िम में कु छ काया
हो गए है कु छ काया अभी ुाक्रक है|
िस्तुतः १९४७ में प्राप्त आजादी, आजादी न होकर प्राप्त विभजन की त्रासदी थी
जो नेहरु, वजन्ना, कांग्रेस, लीग, विरटश वजसके प्रधान कारक थे| विभजन के संदभा
में गााँधी जी ने कहा देश का ुटिारा मेरेलाश पर होगा| तो उन्द्होंने यह स्िीकार
क्यों क्रकया| अु इन लोगों ने गलत तथ्यों को पढ़ा कर अपने सत्ता को ुनाए रखा
है|
१९७१ मेंपाक्रकस्तान से ुांग्लादेशुना| ितामान में पाक्रकस्तान में अु विवभन्न
घटक उभर चुके है| आनेिाले समय में पाक्रकस्तान के कम से कम सात वहस्से होंगे|
इस िम में चीन पाक्रकस्तान को खाने की कोवशश कर रहा है| क्रकन्द्तुभारत इस
संदभा में सािधान है| अु पाक्रकस्तान शांवतपूर्ा रहकर भारत को उसका वहस्सा
लौटाएगा या अपने विनष्टीकरर् की तरफ ुढेगा यह उस पर है|
इसी सु के साथ अल्पसंख्यक को मुख्यधारा में लाने का प्रयास क्रकया जा रहा है|
अभी सामावजक जीिन में 10 % सेअवधक मुसलमान और अन्द्य भारत माता की
जय आक्रद उद्घोष करते हुए नजर आते है| यह भारतीयकरर् है| इसी िम में तीन
तलाक, राम मंक्रदर पर सहज रूप से स्िीकाया ुनाना आक्रद को भी देखा जा सकता
है| आनेिालेक्रदनों में इस आन्द्दोलन को सकारात्मक रूप से प्रस्तुत करना हम सु
का कताव्य है विशेष कर वमविया के ुंधुओं का | इसी के साथ माननीय इन्द्रेश जी
ने मुसलमानों को लेकर कहा न िह क्रकरायेदार है, न वहस्सेदार िह भी उसी तरह
मावलक है जैसे की कोई और| मुसलमाओं के कु छ पीढ़ी ऊपर जाए तो उनके पूिाज
और हमारेपूिाज एक ही थे| मात्र 1 % होंगेंजो ुहार से आयें हुए होंगे| दुवनया में
पहचान धमाजावत और क्षेत्र के अनुसार नहीं होती ुवल्क राष्ट्रीयता केआधार पर
होती है| इसेसमझाने के वहम्मत चावहए लेक्रकन िह काया कड़िाहट सेनहीं मृदुता
से होनी चावहए| इस नए भारत के वलए मेरेशब्द होंगे ‘खुशहाल भारत, शविशाली
भारत, शांवतवप्रय भारत, उन्नत भारत ’ जों क्रक संपूर्ाविश्व का नेतृत्ि करेगा, जो
सुके वलए ख़ुशी और सुरक्षा की वजम्मेदारी को पूरा करेगा|