(विवेक मित्तल) रामनाथी (गोवा) – श्री रामनाथ देवस्थान के श्री विद्याधिराज सभागृह में आयोजित सप्तम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में तीसरे दिन के सत्र में ‘वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों सम्बन्धी हिन्दुत्वनिष्ठों की भूमिका’ विषय पर बोलते हुए हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री रमेश शिंदे ने कहा कि वर्ष 2019 के चुनाव समीप है, इन चुनावों में हिन्दुत्वनिष्ठ की भूमिका कैसी होगी? इर पर गम्भीरता से चिन्तन मनन करना होगा। क्या वे पुनः भाजप के हाथों सत्ता देंगे? चुनावों से लोकतंत्र में एक राजनीतिक व्यवस्था में परिवर्तन होता है, शेष सभी व्यवस्थाएं सेक्युलर ही रहती हैं। परिणामस्वरूप, देश में आज हिन्दू बहुसंख्यकों की उपेक्षा कर संगठित अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण पर आधारित शासन चल रहा है। आज हिन्दुत्वनिष्ठों की सत्ता होते हुए भी अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर, कश्मीर में हिन्दुओं का पुनर्वास स्वप्न बन कर रह गए हैं। खरा विकास तो सत्ता का उपभोग करने वालों का हो रहा है। इसलिए अब हिन्दुत्वनिष्ठ दलों को अपनी हिन्दू राष्ट्र सम्बन्धी भूमिका स्पष्ट करने की आवश्यकता है। हिन्दुओं का वास्तविक हितरक्षण हिन्दू राष्ट्र प्रस्थापित करने पर ही होगा। अतः आगामी काल में होने वाले चुनावों में जो हिन्दू राष्ट्र का कार्य करेगा, वही देश पर राज करेगा, यह हिंदुत्वनिष्ठों की मांग है और रहेगी।
राष्ट्रीय धर्मसभा नेपाल, काठमांडू के अध्यक्ष डॉ. माधव भट्टराई ने कहा कि भारत की तत्कालीन कांग्रेस सरकार और यूरोपियन यूनियन के दबाव में वर्ष 2016 में राजतंत्र विसर्जित कर धर्मनिरपेक्ष संविधान अमल में लाया गया। नेपाल की संसद में आज दो तृतीयांश से भी अधिक प्रतिनिधि कम्युनिस्ट और माओवादी हैं। नेपाल में केवल एक प्रतिशत ईसाई धर्मीय होने पर भी वे ही आज संपूर्ण नेपाल पर राज्य कर रहे हैं जिसके कारण पश्चिमी विकृतियों का प्रभाव आरम्भ हो गया है। हम नेपाल सहित भारत में भी हिन्दू राष्ट्र स्थापित होने हेतु अंतिम श्वास तक लडेंगे। हिन्दू फ्रन्ट फॉर जस्टिस के अध्यक्ष अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का पूजन करना, यह संविधानिक है और संविधान ने उसे मान्य किया है। इसलिए राममंदिर बनाना, राष्ट्र का कर्तव्य है। राममंदिर निर्माण का विरोध अर्थात राष्ट्र का विरोध करने समान है। हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने बताया कि आज सत्र के प्रारंभ में हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने डॉ. माधव भट्टराईजी का तथा झारखंड के समिति के पू. प्रदीप खेमकाजी ने अधिवक्ता हरि शंकर जैनजी का विशेष सम्मान किया। इस अवसर पर उपस्थित मान्यवरों के हाथों अंग्रेजी भाषा के सनातन के स्वभावदोष (षड्रिपू) निर्मूलन का महत्त्व एवं गुण-संवर्धन प्रक्रिया ग्रंथ का प्रकाशन किया गया।