गुजरात के अहमदाबाद में स्थित इसरो के स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (SAC) बिल्डिंग में गुरुवार को आग लग गई थी. इस हादसे में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, मौके पर 25 से अधिक फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने जल्द ही आग पर काबू पा लिया था. बिल्डिंग में मौजूद करीब 40 वैज्ञानिक सुरक्षित थे, हालांकि एक CISF का जवान घायल हो गया.
इस आग से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ लेकिन सूत्रों की मानें तो इस हादसे के कारण सेंटर में मौजूद ‘एंटीना जांच लैब’ को नुकसान पहुंचा है. ये एक हाइ-टेक सिस्टम है, जो कि सैटेलाइट के संचार घटक में इस्तेमाल होता है. गौरतलब है कि ISRO में किसी भी उपकरण की जांच में काफी खर्चा आता है.
सूत्र की मानें तो स्पेस से जुड़े कार्यक्रम काफी महंगे होते हैं लेकिन हादसे में जो आग लगी है उससे सैटेलाइट के किसी उपकरण को नुकसान नहीं पहुंचा है.
आग लगने के हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं, लेकिन अभी तक ये ही कहा जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण ही लगी है. SAC की ओर से कहा गया है कि पुलिस आग लगने के मामले की जांच होगी. क्योंकि जिस सुविधा को नुकसान पहुंचा है उसका प्रॉटोकॉल काफी अहम है. पुलिस इस मामले में देखेगी कि क्या इसमें कोई साजिश तो नहीं है. फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम आग लगने के कारण का पता लगाएगी.
स्पेस सेंटर इसरो की तरफ से ऑपरेट किया जाता है. इसरो में आग से बचाव के लिए काफी सख्त सुविधाएं हैं और ऐसे मामले कम ही सामने आते हैं. इससे पहले 2004 में ही एक ऐसा मामला सामने आया था, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी. ये हादसा श्रीहरिकोटा में हुआ था.
हादसे के बाद अभी इस लैब में कामकाज पर रोक लग गई है, फायर डिपार्टमेंट जब इस क्षेत्र को सेफ घोषित करेगा तभी वैज्ञानिक यहां पर काम शुरू करेंगे.
गौरतलब है कि विज्ञान के क्षेत्र में पिछले कुछ समय में इसरो का सम्मान दुनियाभर में बढ़ा है. ऐसे में इस प्रकार की घटनाएं इसरो की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती हैं.