दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के नज़दीक ऑटो टैक्सी यूनियन के समर्थकों ने बुधवार प्रदर्शन और नारेबाजी की. यूनियन का आरोप है कि दिल्ली सरकार ऑटो टैक्सी किराया बढ़ोतरी करके ऑटो टैक्सी चालकों का रोजगार छीनने की साजिश कर रही है और ओला-उबर जैसी सर्विसेज को बढ़ावा दे रही है. यूनियन ने सरकार के सामने कई मांगें रखी हैं.
ऑटो-टैक्सी यूनियन की मुख्य मांगें-
1. देश की राजधानी दिल्ली में महिला सुरक्षा के मद्देनजर बढ़ते अपराधों को देखते हुए असुरक्षित ओला-उबर मोबाइल एप पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए.
2. राजधानी दिल्ली में ओला-उबर मोबाइल एप एवं कैब कंपनियों में 90% फर्जी (आलू छाप) लाइसेंस से चला रहे टैक्सी चालकों की तत्काल प्रभाव से उच्च स्तरीय जांच कर टैक्सियों को जब्त किया जाए.
3. अन्य राज्यों की ऑटो टैक्सियों पर दिल्ली से सवारियों को बैठाने को लेकर नियमानुसार कार्रवाई की जाए.
4. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशानुसार राजधानी की सड़कों पर 10 लाख अवैध तौर पर चल रहे बिना पंजीकरण के ई रिक्शों को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस एवं परिवहन विभाग द्वारा तत्काल सड़कों से हटाकर जब्त किया जाए.
5. केजरीवाल सरकार द्वारा ई रिक्शाओं चालकों को खरीदने के लिए 30 हजार रुपये की सब्सिडी दे रही तो फिर ऑटो टैक्सी चालकों को 50 हजार रुपये सब्सिडी देने में भेदभाव क्यों?
6. धारा एक, सजा तीन-केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को दी गई धारा 66/192A शक्तियों को तत्काल प्रभाव से वापिस ले।
7. परिवहन विभाग की शिकायत प्रकोष्ठ को चालकों के मौलिक अधिकारों के हनन को देखते हुए तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए.
8. सी.एन.जी सिलेंडर पहले 600 से 700 रुपये में 5 साल के लिए पास किया जाता था, लेकिन अब 3 साल के लिए 2300 रुपये में पास होता है, इसकी जांच की जाए.
बता दें कि दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस मुद्दे पर बैठक कर ऑटो-टैक्सी के किराये में वृद्धि पर रिपोर्ट देने के लिए एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं.