उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर हो रहे विधान परिषद चुनाव के लिए बसपा ने भीमराव अंबेडकर को उतारने का फैसला किया है. मायावती ने इससे पहले राज्यसभा चुनाव में भी भीमराव अंबेडकर को प्रत्याशी बनाया था. सपा-बसपा ने मिलकर भीमराव अंबेडकर को जिताने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन बीजेपी के समीकरण और बीएसपी विधायक की क्रॉस वोटिंग सहित तमाम वजहों के चलते वे जीत नहीं सके थे. इसके बावजूद बसपा ने एक महीने के अंदर ही दूसरी बार भरोसा किया है. राज्यसभा की तरह सपा एमएलसी के चुनाव में भी बसपा को समर्थन करेगी.
बता दे कि पिछले दिनों राज्यसभा चुनाव में यूपी की 10 सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. 10 राज्यसभा सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में थे. बीजेपी अपने सभी 9 उम्मीदवारों को जिताने में कामयाब रही थी. सपा की ओर से जया बच्चन ने जीत दर्ज की थी. वहीं बसपा के प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर कामयाब नहीं हो सके थे.
उत्तर प्रदेश की 13 विधान परिषद सीटों के लिए 26 अप्रैल को चुनाव होने हैं. मौजूदा विधायकों के सहारे बीजेपी के खाते में 11 और विपक्ष को 2 सीटों पर जीत तय है. इस तरह से सपा की एक और एक सीट विपक्ष एकजुट होकर अपने उम्मीदवार को जिता सकता है.
सपा-बसपा की दोस्ती को मजबूत करने में अखिलेश यादव लगातार कोशिश में लगे हैं. राज्यसभा चुनाव में हार की भरपाई करने के लिए अब सपा ने विधान परिषद चुनाव में बसपा को समर्थन करने का फैसला किया है. ये अखिलेश की ओर से मायावती को तोहफा है, ताकि भविष्य में दोनों दलों के गठबंधन पर कोई आंच न आ सके.
बसपा को सपा का समर्थन
सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि विधान परिषद के चुनाव में समाजवादी पार्टी बसपा प्रत्याशी का समर्थन करेगी. सपा ने बसपा को 1 सीट पर समर्थन देने का निर्णय किया है. सपा के इस ऐलान के बाद साफ है कि बसपा उम्मीदवार भले ही राज्यसभा चुनाव हार गए हैं, लेकिन विधान परिषद पहुंचना तय है. सपा से अखिलेश यादव, राजेंद्र चौधरी, नरेश उत्तम, उमर अली खान, मधु गुप्ता, रामसकल गुर्जर और विजय यादव की विधान परिषद का कार्यकाल पूरा हो रहा है. बीएसपी के विजय प्रताप सिंह और सुनील कुमार चित्तौड़, रालोद के चौधरी मुश्ताक, बीजेपी से मोहसिन रजा और महेंद्र कुमार सिंह का भी कार्यकाल पूरा हो रहा है. इसके अलावा सपा से बीएसपी में गए अंबिका चौधरी की खाली सीट पर चुनाव होने हैं. इस तरह से कुल 13 विधान परिषद सीटें खाली हो रही हैं.