ओबेसिटी अब बन चुकी है डायबेसिटी : डॉ. आशीष गौतम

गाजियाबाद। विश्व मोटापा दिवस के उपलक्ष्य में नेहरू नगर स्थित यशोदा हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में गत दिवस विशाल स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। कैम्प में मरीजों की 8 पैरामीटर्स पर जाँच की गई। जिनमें बी.एम.आई. (बॉडी मास इन्डैक्स) यानि शरीर की ऊँचाई के हिसाब से शरीर का कितना उचित वजन होना चाहिये, एफ.एम.आई. (फैट मास इन्डैक्स), बॉडी में किस प्रकार का फैट है तथा उस फैट की वजह से कितना मोटापा है, अगले पैरामीटर्स हैं। इन सभी पैरामीटर्स के आधार पर शरीर की सम्पुर्ण संरचना की जाँच की गई और पाया गया कि 90 प्रतिशत मरीजों का वजन उनकी जरूरतों एवं मानकों के अनुसार अधिक था।
कैम्प में सबसे ज्यादा वजन का मरीज 312 किलो का पाया गया, 250 किलो से भी ज्यादा के 25% मरीज पाये गये, तथा उन्हें खान-पान नियंत्रण, डाइट चार्ट सर्जरी (बैरियाट्रिक सर्जरी) का सुझाव दिया गया। साथ ही 90%मरीजों में मोटापे के साथ-2 ब्लड प्रेशर एवं ब्लड शुगर भी बढ़ा हुआ पाया गया। उन्हें डायबिटीज एवं हाई बल्ड प्रेशर का मरीज बना दिया है। हॉस्पिटल  के वरिष्ठ बैरियाट्रिक, लैप्रोस्कोपिक एवं गैस्ट्रो सर्जन डॉ. आशीष गौतम ने  ओबेसिटी अब डायबेसिटी बन चुकी है। और उन्हें बताया की वह समय-समय पर इस तरह के जागरूकता शिविर एवं जागरूकता व्याख्यान करते रहेंगे जिससे कि मोटापा समाज में अपना भयावह रूप सामने ने लेकर आ सके। उन्होंने कहा कि यशोदा हॉस्पिटल बेरियाट्रिक सर्जरी का दिल्ली एन. सी. आर, में एक प्रमुख केंद्र है तथा विगत वर्षा में अनेक मरीजों की सफलता पूर्वक मोटापे की सर्जरी की जा चुकी है। बेरियाट्रिक सर्जरी अधिक मोटापे से छुकारे के साथ मोटापा जनित रोगों जैसे हाइपरटेंशन, मधुमेह, गठिया जैसे रोगों में भी फायदा पहुंचाती है, ऐसा बताते हुए वरिष्ठ बेरियाट्रिक सर्जन डॉ. आशीष गौतम ने कहा मोटापे एवं उसकी वजह से होने वाली बीमारियों के निदान हेतु 15 अक्टूबर को एक विशाल शिविर लगाया गया, इस शिविर में दिल्ली एन. सी. आर. की एकमात्र जर्मनी की मशीन से शरीर की आवश्यकता से अधिक वजन, फैट, मोटापे की गणना की गइ, अमूमन इस टेस्ट का 5000 रू. खर्चा आता है, जो निःशुल्क की गइ, साथ ही वरिष्ठ बेरियाट्रिक सर्जन डॉ. आशीष गौतम लोगों को निःशुल्क परामर्श दिया, इस कैम्प में मोदीनगर, हापूड़, बुलंदशहर, सिकंदराबाद, अलीगढ़, खुर्जा हाथरस, नोएडा, गाजियाबाद से 300 मरीजों ने इस कैम्प में भाग लया ।
इस कैम्प में मोटापा व उनसे जनित रोगों, पेट पर अतिरिक्त चर्बी से बचाव एवं उसके कारणों का निदान कर संपूर्ण समाधान सेवाएं प्रदान की गई।
बेरियाट्रिक सर्जन डॉ. आशीष गौतम ने बताया कि मोटापे के कारण लोग डिप्रेशन के शिकार भी हो जाते हैं। लोगों की सोच नकारात्मक हो जाती है। हर समय दुखी रहते हैं। कभी-कभी तो लोग खुदकुशी की भी कोशिश करते हैं। मोटापे की वजह से आपके आंत की कोशिकाओं पर ज्यादा दबाव होता है। मोटापा बढ़ाने वाली चीजें खाने या एल्कोहल लेने पर आपकी आंत कमजोर हो जाती है और आंत से संबंधित बिमारियां हो सकती है, जिससे आप हार्निया के शिकार हो जाते हैं। मोटापे से आपको हाइपरटेंशन की समस्या हो जाती है। उच्च रक्तचाप होने से हृदय की धमनियों में रक्त दबाव के साथ तेजी से पहुंचता है जिससे किडनी फेल हर्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
यशोदा हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ रजत अरोड़ा ने कैंम्प से सफलतापूर्वक संपन्न होने पर समस्त टीम के बधाई दी तथा कहा कि इस कैम्प से लोगों को काफी लाभ हुआ है। इस विशाल जागरूकता अभियान एवं शिविर के आयोजन एवं संचालन में गौरव पांडेय, हेड मार्केटिंग यशोदा हॉस्पिटल, डॉ. रवि, अरविन्द कुमार, आशीष अग्रवाल, बबिता, राजेश, अजय चौधरी, गौरव शर्मा, संदीप प्रजापति, दीपक नेहरा, संजीव त्यागी का विशेष सहयोग रहा।